( Terrorism) कत्ल करके मासूमों का ये समझते हैं इ

"( Terrorism) कत्ल करके मासूमों का ये समझते हैं इन्हें जन्नत मिल जाएगी कोई समझाओ इन गुनाहगारों को की कितनी जिंदगियां उजड़ जाएंगी। जानते कहा हैं ये खूबसूरती मेरे इस्लाम की हमारे धर्म में सबसे बड़ा गुनाह आंसू बहाना हैं। और इनको लगता हैं खू का दरिया बहा के फलक पे इनको ये हस्ती मिल जाएगी। निगाह उठा के गैर औरतों को देखना भी जहां हराम है। फाड़ रहे है कपड़े औरतों के, गंदा व्यवहार करते हैं कहते है हम रखवाले हैं इस्लाम के ये जालिमों की टुकड़ी हमपर सिर्फ़ आतंकवाद का धब्बा लगाएगी। इंसानियत से उठ चुका हैं नाता जिनका क्या खाक कोई कौम हैं ये । मत कहो मुसलमान इन्हे ये टोली बस जल्लाद कहलाएगी। ©Zainab siddiqui"

 ( Terrorism)

कत्ल करके मासूमों का 
ये समझते हैं इन्हें जन्नत मिल जाएगी
कोई समझाओ इन गुनाहगारों को
की कितनी जिंदगियां उजड़ जाएंगी।
जानते कहा हैं ये खूबसूरती मेरे इस्लाम की
हमारे धर्म में सबसे बड़ा गुनाह आंसू बहाना हैं।
और इनको लगता हैं खू का दरिया बहा के
फलक पे इनको ये हस्ती मिल जाएगी।
निगाह उठा के गैर औरतों को 
देखना भी जहां हराम है।
फाड़ रहे है कपड़े औरतों के, गंदा व्यवहार करते हैं
कहते है हम रखवाले हैं इस्लाम के 
ये जालिमों की टुकड़ी हमपर सिर्फ़ 
आतंकवाद का धब्बा लगाएगी।
इंसानियत से उठ चुका हैं नाता जिनका
क्या खाक कोई कौम हैं ये ।
मत कहो मुसलमान इन्हे
ये टोली बस जल्लाद कहलाएगी।

©Zainab siddiqui

( Terrorism) कत्ल करके मासूमों का ये समझते हैं इन्हें जन्नत मिल जाएगी कोई समझाओ इन गुनाहगारों को की कितनी जिंदगियां उजड़ जाएंगी। जानते कहा हैं ये खूबसूरती मेरे इस्लाम की हमारे धर्म में सबसे बड़ा गुनाह आंसू बहाना हैं। और इनको लगता हैं खू का दरिया बहा के फलक पे इनको ये हस्ती मिल जाएगी। निगाह उठा के गैर औरतों को देखना भी जहां हराम है। फाड़ रहे है कपड़े औरतों के, गंदा व्यवहार करते हैं कहते है हम रखवाले हैं इस्लाम के ये जालिमों की टुकड़ी हमपर सिर्फ़ आतंकवाद का धब्बा लगाएगी। इंसानियत से उठ चुका हैं नाता जिनका क्या खाक कोई कौम हैं ये । मत कहो मुसलमान इन्हे ये टोली बस जल्लाद कहलाएगी। ©Zainab siddiqui

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