"हर इंसान अपने नफे और नुकसान के
हिसाब से कहता है किसी को अच्छा या बुरा
सच्चाई ना जाने कब से गंदगी के ढेर में पड़ी रो रही है बरसों से
जो सच्चाई को उठाता है दुनिया के सामने बिठाता है सम्मान से
कर दिया जाता है उसे ही घोषित सबसे बुरा
©Kahaniyo ki duniya with shweta"