ग़ज़ल :-
ज़िन्दगी से जो शिकायत होगी
गम छुपाने की भी आदत होगी
प्यार की जब भी जरूरत होगी
सोने चाँदी की न कीमत होगी
मिल जायेंगे तुम्हें गुरुवर अच्छे
जब तुम्हें ज्ञान की चाहत होगी
बात मानें शिष्य जो गुरुवर की
दावा है मेरा न दिक्कत होगी
जो उछलते हैं पाकर दौलत को
सच कहूँ पास न दौलत होगी
क्या बुरा क्या भला वे क्या जानें
जिनमें झूठी ही नसीहत होगी
मत करो चर्चा वफ़ा का हमसे
सब समझता क्या हक़ीक़त होगी
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :-
ज़िन्दगी से जो शिकायत होगी
गम छुपाने की भी आदत होगी
प्यार की जब भी जरूरत होगी
सोने चाँदी की न कीमत होगी