संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों ह | हिंदी Shayari

"संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो ©Shiv Narayan Saxena"

 संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो 
क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो
पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं
हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो

©Shiv Narayan Saxena

संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो ©Shiv Narayan Saxena

#relaxation बेटी क्यों न समझते हो?

People who shared love close

More like this

Trending Topic