जब तलक जेब में तुम्हारे माल है
लोग पुछते रहेंगे कैसा तेरा हाल है।
जब तक पैसा है इज्जत मिलेगी
पैसा खत्म,खत्म फिर रोलकाल है।
पैसों वालों की ये पुरी दुनिया है
दुनिया उसकी नहीं जो कंगाल है।
कुछ लोग जो समाज में उठ रहे हैं
वो पैसों के लिए गिरे भी कमाल है।
चोर, उचक्के भी चुनकर आ रहे हैं
पैसा गिरे हुए को भी देता उछाल है।
मेहनत से पेट भरना भी मुश्किल है
बेईमानी से लोग जमा लेते माल है।
तारीख बदलने से हाल नहीं बदलते
पास पैसा है तो रोज नया साल है।
संजय अश्क ,
बालाघाट
©Sanjay Ashk
#christmascelebration