मुझे मेरे अपनो से
कभी वह प्रेम और सम्मान नही मिला
जिसकी में उम्मीद करती रही ,फिर भी
मेरे मन में सबके लिए प्रेम और सम्मान बना रहा
मैं शुक्रगुजार हूं उस प्रभु की
जिसने मुझे सरल ह्रदय बनाया
सब कहेंगे कठोर बनो
पर मैं कहना चाहूंगी सरल हृदय बनो
ताकी .............
आपसे होकर गुजर सके
प्रेम , आत्मीयता , भावनाएं ..........।
©seema patidar
सरलता ,सहजता