वे सर झुकाते हैं मतलब के वज़न से
झुकना भी हो गया है मतलबी,कसम से ।
सिफारिश करना भी उनका जायज़ है
हमारी गुजारिश भी नाजायज़ है,कसम से।
©पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा
वे सर झुकाते हैं मतलब के वज़न से
झुकना भी हो गया है मतलबी,कसम से ।
सिफारिश करना भी उनका जायज़ है
हमारी गुजारिश भी नाजायज़ है,कसम से।
@पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा
#Life