वैदिक ऋषि महर्षि कश्यप के बेटे और पक्षी नरेश गरुड़ को विष्णु भगवान का यातायात का साधन कहा जाता है। एक बार पक्षी नरेश गरुड़ ने विष्णु जी से मरने के पश्चात जीवों की स्थिति, प्राणियों की स्वर्ग और नरक यात्रा, विभिन्न बुरे कामों से जीव को मिलने वाले योनियों एवं पाप करने वालों की बुरी स्थिति से जुड़े कई रहस्य से भरे प्रश्न किये। उस वक्त विष्णु जी ने गरुड़ को जो उत्तर उपदेश के रूप में सुनाये, वही उपदेश इस पुराण में है।। इस पुराण में उन्हीं उपदेशों की विस्तार से विवेचना की गई हैं -
©Prahalad Kumar
Puranik Katha