अपने नैनों के दरवाजे खोल। बाहर कोई , पहरेदार रहने | हिंदी Shayari

"अपने नैनों के दरवाजे खोल। बाहर कोई , पहरेदार रहने लगा है। तुम्हें किसी की नजर ना लगे। इसलिए प्यार से लोग मुझे काजल कहने लगा है। ©Bishal Yaduwanshi"

 अपने नैनों के दरवाजे खोल।
बाहर कोई ,
पहरेदार रहने लगा है।
तुम्हें किसी की नजर ना लगे।
इसलिए प्यार से लोग मुझे
काजल कहने लगा है।

©Bishal Yaduwanshi

अपने नैनों के दरवाजे खोल। बाहर कोई , पहरेदार रहने लगा है। तुम्हें किसी की नजर ना लगे। इसलिए प्यार से लोग मुझे काजल कहने लगा है। ©Bishal Yaduwanshi

#kajal

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