ए माँ तुम्हारी कोई गलती थोड़ी न थी
क्या हुआ जो दुनिया मे नही रहा मैं तो
खुशियां फिर भी आयी तो थी
ए माँ तुम्हारी कोई गलती थोड़ी न थी ।
फूल था मैं , पत्थर तुमने बनाया
कलम था मैं, किताब तुमने बनाया
क्या हुआ जो मैं दुनिया मैं नही हूँ तो
ए माँ जरा सुन तो ले न
तुम्हारी कोई गलती थोड़ी न थी
तुम्हरी कोई गलती थोड़ी न थी ।।
©Binod Gorain
#MothersDay2021