हुनर ए वादाख़िलाफ़ी उम्र के साथ आयेगी,
वो एहसान फ़रामोशी उम्र के साथ आयेगी!
फिलहाल मासूम ओ नेक रहेंगे मक़सद,
वो इरादों में बदनीयती उम्र के साथ आयेगी!
छोटा बड़ा जो भा जाये ख़ूब सीने से लगा,
फिर निगाहों में बारीक़ी उम्र के साथ आयेगी!
बेतुकी बेतरतीबी से लबरेज़ है हर शेर,
मिसरों में संजीदगी उम्र के साथ आयेगी!
अभी किसी को मुंह पे ना कहते न बनेगा,
ये सारी बदतमीज़ी उम्र के साथ आयेगी!
उसूलों पे क़ायम हो आज जिस मुस्तैदी से,
उसी शिद्दत से नापाक़ी उम्र के साथ आयेगी!
©Shubhro K
#growingup