फक्र मुझे उन कांधों पर भी है, जिन्होनें अपना पसीन | हिंदी शायरी

"फक्र मुझे उन कांधों पर भी है, जिन्होनें अपना पसीना बहाया है, मेरे दो वक़्त की रोटी के लिये ।। बैशाखी की शुभकामनाय"

 फक्र मुझे उन कांधों पर भी है,

जिन्होनें अपना पसीना बहाया है,
मेरे दो वक़्त की रोटी के लिये ।।

बैशाखी की शुभकामनाय

फक्र मुझे उन कांधों पर भी है, जिन्होनें अपना पसीना बहाया है, मेरे दो वक़्त की रोटी के लिये ।। बैशाखी की शुभकामनाय

#baisakhi

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