करे क्या,क्या ना करे; इस आलम में तुमसे दूर ना रहे !
करीब तो हम थे नहीं ; क्या दूर जाने की भी जुर्रत ना करे!
तुम्हारे खुशबू से थी मेरी दुनिया खुशनुमा चारो तरफ़ ;
अब क्या अपनी ख्यालों में भी तुम्हारा ऐतवार ना करे।
पलाश
करे क्या,क्या ना करे; इस आलम में तुमसे दूर ना रहे !
करीब तो हम थे नहीं ; क्या दूर जाने की भी जुर्रत ना करे!
तुम्हारे खुशबू से थी मेरी दुनिया खुशनुमा चारो तरफ़ ;
अब क्या अपनी ख्यालों में भी तुम्हारा ऐतवार ना करे।
पलाश
#CupOfHappiness