"इस जिंदगी का कोई भरोसा ना रहा आब,
जाने कब खुशियाँ दे कब ग़मज़दा करदे,
अब तो जिंदगी जीने में भी डर लगने लगा है,
ना जाने ये जिंदगी कब हमें जिंदगी से जुदा करदे।
-आदर्श"
इस जिंदगी का कोई भरोसा ना रहा आब,
जाने कब खुशियाँ दे कब ग़मज़दा करदे,
अब तो जिंदगी जीने में भी डर लगने लगा है,
ना जाने ये जिंदगी कब हमें जिंदगी से जुदा करदे।
-आदर्श