भरोसे मे इतने अंधे हो गये थे की लोगों के असली रंग | हिंदी Shayari

"भरोसे मे इतने अंधे हो गये थे की लोगों के असली रंग को नहीं देख पाये जब वक्त खराब आया तो तो चेहरे सबके सामने आये तो हमने भी कर दिया ऐलान ये खुलके जिसे जाना है वो शौक से छोड़ कर जाये पर इतना याद रखें फिर हमारी जिंदगी में मुड़ कर वापिस ना आयें ©Suraj Singh Rajan"

 भरोसे मे इतने अंधे हो गये थे
की लोगों के असली रंग को नहीं देख पाये
जब वक्त खराब आया तो
तो चेहरे सबके सामने आये
तो हमने भी कर दिया ऐलान ये खुलके
जिसे जाना है वो शौक से छोड़ कर जाये
पर इतना याद रखें 
फिर हमारी जिंदगी में मुड़ कर वापिस ना आयें

©Suraj Singh Rajan

भरोसे मे इतने अंधे हो गये थे की लोगों के असली रंग को नहीं देख पाये जब वक्त खराब आया तो तो चेहरे सबके सामने आये तो हमने भी कर दिया ऐलान ये खुलके जिसे जाना है वो शौक से छोड़ कर जाये पर इतना याद रखें फिर हमारी जिंदगी में मुड़ कर वापिस ना आयें ©Suraj Singh Rajan

#alone #Zindagi #akelapan #Nojoto

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