(कर्म ही पेहेचान) (क) बिना कर्म | हिंदी Shayari

"(कर्म ही पेहेचान) (क) बिना कर्म से कोई महान नहीं होता खुद से ही है हमको जिवन भर आस्था, जिवन एक संघम है सुख दु:खका सबसे प्यारे हैं जावन किशान देशका ।। (ख) आज़ादी का झंडा लेहेरायेगे जिंदगी भर होश जोश से सजायेगे सुंदर सा घर , इतिहास लिखगये वीर जवानों ने हरि- आलि से खेत सजाये किसानों ने ।। ( ग) संस्कार में श्रेष्ठ है भारत देश कर्मयोगी का सागर है हमारा देश, किरण की प्रकाश से भी तेज है भारत देशका ज्ञान ऋक वेद से सृष्टि हुआ विज्ञान ।। 29/12/22 नाम:- ज्ञान बहादुर अधिकारी गांव:- नेपाली पथार जिला:- विश्वनाथ (असम ) भारत ©Gyan Adhikari"

 (कर्म ही पेहेचान)

                 (क)
बिना  कर्म से कोई महान नहीं होता
खुद से ही है हमको जिवन भर आस्था,
जिवन एक संघम है सुख दु:खका  
सबसे प्यारे हैं जावन किशान देशका ।।
           (ख)
आज़ादी का झंडा लेहेरायेगे जिंदगी भर 
होश जोश से सजायेगे सुंदर सा घर ,
इतिहास लिखगये वीर जवानों ने 
हरि- आलि से खेत सजाये किसानों ने ।।   
          ( ग)
संस्कार में श्रेष्ठ है भारत देश
कर्मयोगी का सागर है   हमारा देश,
किरण की प्रकाश से भी तेज  है भारत देशका ज्ञान
 ऋक वेद से सृष्टि हुआ विज्ञान ।।              

29/12/22

नाम:- ज्ञान बहादुर अधिकारी
गांव:- नेपाली पथार
जिला:-   विश्वनाथ (असम ) भारत

©Gyan Adhikari

(कर्म ही पेहेचान) (क) बिना कर्म से कोई महान नहीं होता खुद से ही है हमको जिवन भर आस्था, जिवन एक संघम है सुख दु:खका सबसे प्यारे हैं जावन किशान देशका ।। (ख) आज़ादी का झंडा लेहेरायेगे जिंदगी भर होश जोश से सजायेगे सुंदर सा घर , इतिहास लिखगये वीर जवानों ने हरि- आलि से खेत सजाये किसानों ने ।। ( ग) संस्कार में श्रेष्ठ है भारत देश कर्मयोगी का सागर है हमारा देश, किरण की प्रकाश से भी तेज है भारत देशका ज्ञान ऋक वेद से सृष्टि हुआ विज्ञान ।। 29/12/22 नाम:- ज्ञान बहादुर अधिकारी गांव:- नेपाली पथार जिला:- विश्वनाथ (असम ) भारत ©Gyan Adhikari

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