इश्क़ ज़रा नज़ाकत से करना कहीं मोहब्बत ठुकरा दो तो | English Shayari

"इश्क़ ज़रा नज़ाकत से करना कहीं मोहब्बत ठुकरा दो तो जनाजा ना उठाना पड़े ये मंज़र कुछ ठीक नहीं यहां सब फरेबी मालूम होते हैं"

 इश्क़ ज़रा नज़ाकत से करना
कहीं मोहब्बत ठुकरा दो तो जनाजा ना उठाना पड़े
ये मंज़र कुछ ठीक नहीं 
यहां सब फरेबी मालूम होते हैं

इश्क़ ज़रा नज़ाकत से करना कहीं मोहब्बत ठुकरा दो तो जनाजा ना उठाना पड़े ये मंज़र कुछ ठीक नहीं यहां सब फरेबी मालूम होते हैं

love break shayari....

नज़ाकत :- अरामसे, शारीरिक कोमलता, नाजुक।
जनाजा :- शव, death body.
मंजर :- वक्त, दौर।

love break....

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