इश्क़ कोई घाव नहीं जो भर जायेगा। बरसों पुराना रिव | हिंदी शायरी

"इश्क़ कोई घाव नहीं जो भर जायेगा। बरसों पुराना रिवाज़ है साहेब, हीर के बगैर रांझा मर जायेगा।।"

 इश्क़ कोई घाव नहीं जो भर जायेगा।

बरसों पुराना रिवाज़ है साहेब,

हीर के बगैर रांझा मर जायेगा।।

इश्क़ कोई घाव नहीं जो भर जायेगा। बरसों पुराना रिवाज़ है साहेब, हीर के बगैर रांझा मर जायेगा।।

Bs..aise hi

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