जब भी तुम्हे याद करती हूं पुरानी यादों में कहीं गु | हिंदी विचार

"जब भी तुम्हे याद करती हूं पुरानी यादों में कहीं गुम सी हो जाती हूं ये रातें रात की चांदनी या दिन बरसात या हो ज्येष्ठ की दोपहरी तुम्हारी यादों के सामने फिकी लगती है मुझे पता है तुम वापस नहीं आओगे मगर इस दिल को तुम्हारा ही इन्तजार है ©Anshika Tiwari"

 जब भी तुम्हे याद करती हूं
पुरानी यादों में कहीं गुम सी हो जाती हूं

ये रातें 
रात की चांदनी 
 या दिन बरसात
या हो ज्येष्ठ की दोपहरी

तुम्हारी यादों के सामने फिकी लगती है

मुझे पता है तुम वापस नहीं आओगे 
मगर इस दिल को तुम्हारा ही इन्तजार है

©Anshika Tiwari

जब भी तुम्हे याद करती हूं पुरानी यादों में कहीं गुम सी हो जाती हूं ये रातें रात की चांदनी या दिन बरसात या हो ज्येष्ठ की दोपहरी तुम्हारी यादों के सामने फिकी लगती है मुझे पता है तुम वापस नहीं आओगे मगर इस दिल को तुम्हारा ही इन्तजार है ©Anshika Tiwari

याद

#Travelstories ARVIND YADAV 1717 gudiya Priyanka Jain Dashrath Anshu writer

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