अरे पागल हृदय रोग से पहले तेरे तरानों से मर जाउंगा | हिंदी शायरी

"अरे पागल हृदय रोग से पहले तेरे तरानों से मर जाउंगा अपनों से कहां तक बचना है की बेगानों से मर जाऊंगा अब तो खुदा के घर जाना ही लिखा है मेरी किस्मत में आशा थी खुद को बनाने में अब निराशों से मर जाऊंगा ©DANVEER SINGH DUNIYA"

 अरे पागल हृदय रोग से पहले तेरे तरानों से मर जाउंगा
अपनों से कहां तक बचना है की बेगानों से मर जाऊंगा
अब तो  खुदा के घर जाना ही लिखा है मेरी किस्मत में
आशा थी खुद को बनाने में अब निराशों से मर जाऊंगा

©DANVEER SINGH DUNIYA

अरे पागल हृदय रोग से पहले तेरे तरानों से मर जाउंगा अपनों से कहां तक बचना है की बेगानों से मर जाऊंगा अब तो खुदा के घर जाना ही लिखा है मेरी किस्मत में आशा थी खुद को बनाने में अब निराशों से मर जाऊंगा ©DANVEER SINGH DUNIYA

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