तूने उसकी किसी उम्मीद को नहीं निभाया
पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया?
तूने तो मुश्किल दौर में भी मन का ही पाया
मन नहीं किया, उसके पास सालों नहीं आया
पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया?
खुशनसीब है तू तूने ज़िंदा रहते,
माँ के आँचल में दिन बिताया
बढ़ते ही कदम भले उसे भुलाया
पर उसकी चिंता, बेटा तूने कुछ खाया?
©Sandeep Sati
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