प्रभु पहिचानि परेउ गहि चरना। सो सुख ऊमा जाइ नहि बरना भगवान राम को पहचान कर हनुमानजी प्रभु के चरणकमल मे शीष रख जिस सुख कीअनुभूति उसका
वर्णन नहीं किया जा सकता
नाथशैल पर कपि पति रहई।
सो सुग्रीव दास तह अहई ।।
तेहि संग नाथ मैत्री कीजै
दीन ज्ञान तेहि अभय करीजै
अब हनुमानजी प्रभु को बानर राज सुग्रीव के बारे में बताते हैं माता की खोज में मदद की बात करते हैं और वहाँ चलने का आग्रह करते हैं
औरअपने कंधे पर बैठने का आग्रह करते हैं राम जी कहते हैं तुम्हारे वेग को हम जानते हैं लेकिन हम इतनी ऊचाई पर आपने आप को कैसे सम्भालेगे लेकिन हनुमान एक कंधे पर राम को और दुसरे मे लक्ष्मण को बिठाकर सुग्रीव के पास लेआएअब
जय श्रीराम 🙏🙏
©arti dwivedi
राम हनुमानज संवाद #
#NojotoRamleela