कुछ उसके दोस्त हैं, कुछ उसके यार बाक़ी हैं, हर एक | हिंदी Poetry

"कुछ उसके दोस्त हैं, कुछ उसके यार बाक़ी हैं, हर एक बस्ती में दो, चार, बाक़ी हैं, यह ढोल ताशे की आवाज़ कहती है, यज़ीद मरा पर उसके रिश्तेदार बाक़ी हैं, ©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }"

 कुछ उसके दोस्त हैं, कुछ उसके यार बाक़ी हैं, हर एक बस्ती में दो, चार, बाक़ी हैं,

यह ढोल ताशे की आवाज़ कहती है, यज़ीद मरा पर उसके रिश्तेदार बाक़ी हैं,

©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }

कुछ उसके दोस्त हैं, कुछ उसके यार बाक़ी हैं, हर एक बस्ती में दो, चार, बाक़ी हैं, यह ढोल ताशे की आवाज़ कहती है, यज़ीद मरा पर उसके रिश्तेदार बाक़ी हैं, ©DILBAG.J.KHAN { دلباغ.جے.خان }

#मोहरम

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