अब शायद कमी खल रही है हमारी उन्हें अपनी ही महफ़िलो | हिंदी विचार

"अब शायद कमी खल रही है हमारी उन्हें अपनी ही महफ़िलो में, जिनमे वो हमें पहचानने से इन्कार करती थी।"

 अब शायद कमी खल रही है हमारी उन्हें अपनी ही महफ़िलो में,
जिनमे वो हमें पहचानने से इन्कार करती थी।

अब शायद कमी खल रही है हमारी उन्हें अपनी ही महफ़िलो में, जिनमे वो हमें पहचानने से इन्कार करती थी।

#kami #inkar #mahfil #mahfiladastaan

People who shared love close

More like this

Trending Topic