तुम भयंकर आंधी की तरह हो, तुम निर्दयी बारिश की तरह
"तुम भयंकर आंधी की तरह हो,
तुम निर्दयी बारिश की तरह हो,
हर बार संकट के बादल बन सामने होती हो
पर अब नही डरता,
तेरे हर एक पहलू से रूबरू हुआ हूं...
देख मैं तुझ सा हूबहू हुआ हूं...
बेख़ौफ़,बेअन्दाज़,खतरनाक..!"
तुम भयंकर आंधी की तरह हो,
तुम निर्दयी बारिश की तरह हो,
हर बार संकट के बादल बन सामने होती हो
पर अब नही डरता,
तेरे हर एक पहलू से रूबरू हुआ हूं...
देख मैं तुझ सा हूबहू हुआ हूं...
बेख़ौफ़,बेअन्दाज़,खतरनाक..!