परिंदा उड़ गया शजर खड़ा रह गया मेहमान चला गया खं | हिंदी Poetry

"परिंदा उड़ गया शजर खड़ा रह गया मेहमान चला गया खंडहर पड़ा रह गया ©_बेखबर"

 परिंदा उड़ गया 
शजर खड़ा रह गया 
मेहमान चला गया
खंडहर पड़ा रह गया

©_बेखबर

परिंदा उड़ गया शजर खड़ा रह गया मेहमान चला गया खंडहर पड़ा रह गया ©_बेखबर

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