तुम्हारी यादों की दरियां में
जब भी डूबता हूं.....
उन्मुक्त सा मै उड़ता हूं
खुद को उड़ता परिंदा सा पाता हूँ.....
,nojoto विषयानुसार ,आज़ाद परिंदे पर कुझ पंक्तियाँ लिखा था पर वीडियो किन्हीं कारणों नही बना पाया था , वह आज बनाया है । कृपया सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दें 🙏 )
Pls watch my video ☺️☺️