काग़ज़ हो तो फाड़ दूँ, धागा हो तो काट दूँ दुनिया हो | हिंदी शायरी
"काग़ज़ हो तो फाड़ दूँ, धागा हो तो काट दूँ
दुनिया हो तो छोड़ दूँ, दिल कैसे तोड़ दूँ
इस वादे पे मुझको अब
जीना भी अब मरना भी
ये याद रखना कि ये भी वो भी इश्क़ था
ये भी इश्क़ है ।
शिवाय..✍️✍️"
काग़ज़ हो तो फाड़ दूँ, धागा हो तो काट दूँ
दुनिया हो तो छोड़ दूँ, दिल कैसे तोड़ दूँ
इस वादे पे मुझको अब
जीना भी अब मरना भी
ये याद रखना कि ये भी वो भी इश्क़ था
ये भी इश्क़ है ।
शिवाय..✍️✍️