पाण्डवों के देश में पांडवों का राज है, इसकी असकी स | हिंदी Poetry

"पाण्डवों के देश में पांडवों का राज है, इसकी असकी सबकी सुनी हमको सिर्फ तुम्ही पर नाज़ है। हम खड़े हैं शाख़ पर शान से, तुम उठो चलो के लपक रही है यह लहर कलमों के नुकसान से। ©Anam Amaan"

 पाण्डवों के देश में पांडवों का राज है,
इसकी असकी सबकी सुनी 
हमको सिर्फ तुम्ही पर नाज़ है।
हम खड़े हैं शाख़ पर शान से,
तुम उठो चलो के लपक रही है यह लहर 
कलमों के नुकसान से।

©Anam Amaan

पाण्डवों के देश में पांडवों का राज है, इसकी असकी सबकी सुनी हमको सिर्फ तुम्ही पर नाज़ है। हम खड़े हैं शाख़ पर शान से, तुम उठो चलो के लपक रही है यह लहर कलमों के नुकसान से। ©Anam Amaan

#क़लम
#Roses

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