जलती चिताओं पर सेंक रहे रोटियां ये,
देखिए सियासी लोग कैसे क्रूर हो गये ।
कितनी ही राखियो से हाथ दुर हो गये तो,
कितनी ही बुढ़ी अंखियों के नूर खो गये ।
धुमधाम से करेंगे बिटिया बिदाई तेरी,
ख्वाब माता पिता के वो चूर चूर हो गये ।
जिसके लिये वो परिवार से रहे थे दुर,
उन्ही रोजियों से दुर मजदूर हो गये ।
©kavi Chetan
बेबसी........
#Labourday