-------------------------- वो देर तक देखते है मुझे

"-------------------------- वो देर तक देखते है मुझे थोड़ा रुक कर सोचते है मेरी आंखो में झांकने की कोशिश करते है फिर संभलकर भविष्यवाणी करते है मेरे कपड़े बेतरतीब है मुझमें बालों को संवारने का सलीका नहीं हैं। मेरे शब्द तीखे चुभते है। मेरे चुनाव किसी के पल्ले न बंधते। मेरे बहुत कम मित्र है, मुझसे नाजुक रिश्ते संभाले नहीं जाते। मुझे अंधेरा पसंद है मुझे अकेलापन रास आता है। में खामोशियों में.... खुद से बातें करता हूं। मानसिक स्तर बदलता रहता है । खुद से नाराज़ रहता हूं। मैं #असामाजिक हूं। मुझमें बनावटीपन और दिखावा नहीं है मैं खुद को और करीबियों को खुश रखता हूं। सबको लगता है ....सबने कहा.... हां , मैं #पागल हूं मुझे #पागलपन पसंद है क्योंकि ....... मैं ...... आसानी से #परिभाषित नहीं होना चाहता। ---------------------- .----- मुकेश ------."

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वो देर तक देखते है मुझे
थोड़ा रुक कर सोचते है 
मेरी आंखो में झांकने की कोशिश करते है 
फिर संभलकर भविष्यवाणी करते है
मेरे कपड़े बेतरतीब है
मुझमें बालों को संवारने का 
सलीका नहीं हैं।
मेरे शब्द तीखे चुभते है।
मेरे चुनाव किसी के पल्ले न बंधते।
मेरे बहुत कम मित्र है,
मुझसे नाजुक रिश्ते संभाले नहीं जाते।
मुझे अंधेरा पसंद है
मुझे अकेलापन रास आता है।
में खामोशियों में....
खुद से बातें करता हूं।
मानसिक स्तर बदलता रहता है ।
खुद से नाराज़ रहता हूं।
मैं #असामाजिक हूं।
मुझमें बनावटीपन और दिखावा नहीं है
मैं खुद को और 
करीबियों को खुश रखता हूं।
सबको लगता है ....सबने कहा....
हां , मैं #पागल हूं
मुझे #पागलपन पसंद है क्योंकि
....... मैं ......
आसानी से #परिभाषित नहीं होना चाहता।
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.----- मुकेश ------.

-------------------------- वो देर तक देखते है मुझे थोड़ा रुक कर सोचते है मेरी आंखो में झांकने की कोशिश करते है फिर संभलकर भविष्यवाणी करते है मेरे कपड़े बेतरतीब है मुझमें बालों को संवारने का सलीका नहीं हैं। मेरे शब्द तीखे चुभते है। मेरे चुनाव किसी के पल्ले न बंधते। मेरे बहुत कम मित्र है, मुझसे नाजुक रिश्ते संभाले नहीं जाते। मुझे अंधेरा पसंद है मुझे अकेलापन रास आता है। में खामोशियों में.... खुद से बातें करता हूं। मानसिक स्तर बदलता रहता है । खुद से नाराज़ रहता हूं। मैं #असामाजिक हूं। मुझमें बनावटीपन और दिखावा नहीं है मैं खुद को और करीबियों को खुश रखता हूं। सबको लगता है ....सबने कहा.... हां , मैं #पागल हूं मुझे #पागलपन पसंद है क्योंकि ....... मैं ...... आसानी से #परिभाषित नहीं होना चाहता। ---------------------- .----- मुकेश ------.

#मुझे#खुद#से प्यार #है

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