Red sands and spectacular sandstone rock formations तुम थी जहाँ तुम हो वहीं, था मैं जहाँ, पर वहां मैं नहीं,
है जिस्म कहीं, है जां कहीं, है दिल कहीं, मेरी रूह कहीं।
रास्तों पर हैं मेरे कदम, मंज़िलों पर है मेरी नज़र,
रहगुज़र कहीं, हमसफ़र कहीं, मेरे हमकदम हैं अब कहीं।
मेरी भी थीं कुछ ख़्वाहिशें, कुछ ख्वाब थे उम्मीदों के,
टूटा आइना ख्वाब का, टूकड़े ही टुकड़े थे हर कहीं।
तुझे ढूंढता रहा मैं दर बदर, इस डगर, कभी उस डगर,
नज़र कहीं, थे कदम कहीं, जाना कहीं और पहुंचा कहीं।
शोर का सैलाब है मेरे ज़ेहन पर, मेरे जिस्म में,
दरिया कहीं, किनारा कहीं, सागर कहीं और साहिल कहीं।
©Sameer Kaul 'Sagar'
#Sands