चांद छुपा है बादल में,, रात रुकी है रागिनी की खोज में,,
आंसू बहे हैं किसी के शोक में ,, दर्द छुपा है आशा के बूंद में ,,
नदिया बही है सागर की कोख में,, खामोश मन बौखला उठा है ,,आगोश की सोरमे ,, दिल बैठा -बैठा है,, भोर की भेंट में.........RADHE RADHe,,🙏😥
©sapna prajapati❤
#Night