मैं शाम नहीं, सबेरे का नया चिराग़ बन कर निकला हू | हिंदी शायरी Video

"मैं शाम नहीं, सबेरे का नया चिराग़ बन कर निकला हूं । अन्धेरो को मुठठी मे दबोच रखा हूँ मै आज का नई आवाज़ बन कर निकला हूं।। ©B tanhai "

मैं शाम नहीं, सबेरे का नया चिराग़ बन कर निकला हूं । अन्धेरो को मुठठी मे दबोच रखा हूँ मै आज का नई आवाज़ बन कर निकला हूं।। ©B tanhai

सान्धिया

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