White शाखों से गिरे पते जब टूटकर बिखरते हैं ऐसे
जिंदगी की उलझनें भी करवट बदल गिराती है वैसे
रोज करता है हर शख्स बातें दुनियां को अपना बनाने की
अगले ही पल गहरा घाव देकर भूल जाता है
वो जगह बनी ही नहीं जहां दिल से सम्मान मिले किसी से
यहां सामने से तो गले लगाए जाओगे हंसते हंसते और खंजर की नोक चुभी मिलेगी पीठ पीछे
©Jitender Sharma
#sad_shayari