"मुक्तक
जिसे मैं तो चाहता हूँ वह मेरी हो नहीं सकती
मैं रूठ जाऊं तो रात में वह सो नहीं सकती
जो मोती मैं दे चुका हूँ वह कोई दे नहीं सकता
मेरा प्यार का एहसास को वह खो नहीं सकती।
कोसी अंचल का पुत्र
कुमार "अँचल""
मुक्तक
जिसे मैं तो चाहता हूँ वह मेरी हो नहीं सकती
मैं रूठ जाऊं तो रात में वह सो नहीं सकती
जो मोती मैं दे चुका हूँ वह कोई दे नहीं सकता
मेरा प्यार का एहसास को वह खो नहीं सकती।
कोसी अंचल का पुत्र
कुमार "अँचल"