White वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ | हिंदी Poetry

"White वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ... वो नादान था उसे अभी एहसास नही था , वक़्त और इन्सान जब एक बार हाथो से छुट जाये फिर लौट के नही आते .... 1, 2 साल बाद जब वापस लौट के आयेगा , मुझे किसी और ही दुनिया मे पायेगा .. धुंधती रहेगी उसकी निगाहें मुझे और जिन्दगी भर का मलाल उसके दिल मे रह जायेगा ... वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ।। 🙏🙏🙏 ©amar gupta"

 White वो चाहता तो मुझे और किताबो को ,
दोनो को साथ लेकर चल सकता था ...
वो नादान था उसे अभी एहसास नही था ,
 वक़्त और इन्सान जब एक बार हाथो से छुट जाये 
फिर लौट के नही आते ....
1, 2 साल बाद जब वापस लौट के आयेगा ,
मुझे किसी और ही दुनिया मे पायेगा  ..
धुंधती रहेगी उसकी निगाहें मुझे और 
जिन्दगी भर का मलाल उसके 
दिल मे रह जायेगा ...
वो चाहता तो मुझे और किताबो को , 
दोनो को साथ लेकर चल सकता था ।।
🙏🙏🙏

©amar gupta

White वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ... वो नादान था उसे अभी एहसास नही था , वक़्त और इन्सान जब एक बार हाथो से छुट जाये फिर लौट के नही आते .... 1, 2 साल बाद जब वापस लौट के आयेगा , मुझे किसी और ही दुनिया मे पायेगा .. धुंधती रहेगी उसकी निगाहें मुझे और जिन्दगी भर का मलाल उसके दिल मे रह जायेगा ... वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ।। 🙏🙏🙏 ©amar gupta

#Wo चाहता तो किताबो और मुझको दोनो को साथ ले कर चल सकता था...

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