White ।। उलझन में हूं ।।
आपसे कहूं तो, आप बिन रह नहीं सकता
कितनी उल्फत में मैं हूं, सुना नहीं सकता
आहत का गंभीर मामला सुलझा नहीं सका
सांसे तेरे नाम हैं फिर भी जी नहीं सकता
आंखों की प्रीत, आपको दिखा नहीं सकता
सिने में दबा प्यार, उसे छलका नहीं सकता
मौन हूं इस रंग बदलती दुनिया की भीड़ में
तुम्हें चाह कर भी इंटरड्यूज कर नहीं सकता
वक्त का दर्द बेतहाशा सहा, अब सह नहीं सकता
जले पांव धूप में, अब छाव में सुखा नहीं सकता
टूटा पत्ता हूं हसीन पेड़ का, अब जुड़ नहीं सकता
फिलहाल उलझन में हैं "नरेश",
कहानी आगे लिख नहीं सकता
©Naresh K Chouhan
#Couple