कुछ लिख रहा हूं अल्फाज
अपनी कमायाबी के पन्नो पर
मिलेगी या नहीं ये किस्मत की बात है
कोशिश कर रहा हूं खुद को
मंजिल के करीब ले जाने की
बस राह मिलेगी या नहीं
बस समय समय की बात है !
गुमनाम शायर
©Poet Kuldeep Singh Ruhela
#Books कुछ लिख रहा हूं अल्फाज
अपनी कमायाबी के पन्नो पर
मिलेगी या नहीं ये किस्मत की बात है
कोशिश कर रहा हूं खुद को
मंजिल के करीब ले जाने की
बस राह मिलेगी या नहीं
बस समय समय की बात है !