Black गिर कर सम्भलते है सभी,
तुमको और चलना है अभी।
तुम तो थक कर रुक गये यूँ ही,
ये क्या बात हुई।
राहों में हवा के झोंके बहुत आते हैं,
तब थोड़े पैर डगमगाते हैं।
तुम सिर्फ इतने से डर गये,
ये क्या बात हुई।
गंतव्य तक जाना ज्यादा कठिन तो नहीं,
कहने के लिए जेल वरना ये तो खेल है।
अगर तुम जिंदगी का ये खेल हार गये,
तो खुशी की ये क्या बात हुई ?
©Shashank Singh Kushwaha
ये क्या बात हुई..
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