एक ख़ामोशी सी है
जीवन में,
एक तूफान चल रहा है
मन में।
सारे अपने पराये हो गये
क्योंकर ?
बस यही सवाल
गूंज रहा है जेहन में।
मैं टूटता जा रहा
हालातों से,
दम घुट रहा मेरा
इन झूठे जज्बातों से।
"मेरे बुरे वक़्त में
ये साथ देंगें"
ताउम्र जीता रहा रहा
मैं इसी भरम में।
एक ख़ामोशी सी है
जीवन में,
एक तूफान चल रहा है
मन में।
©दिनेश
#dawnn मन का तूफान