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रंज गम में डूबकर यो बिखरना है नहीं।
वक्त के हर रूप में ढल कर सॅंवरना है नहीं।।
मयकदे में बैठ कर यूँ वक्त जाया क्यों करें।
कीमती है जान यारों फिर सॅंभलना है नहीं।।
आशिकी की इक नज़र में , दिल तुम्हारा हो गया।
हसरतें अब गैर पर क्योंकर मचलना है नहीं।।
क्यों जफ़ा के नाम पर यूँ भागती है जिंदगी।
टूट कर अब प्यार में हमको गुजरना है नहीं।।
आरज़ू है जुस्तजू है जिंदगी की राह में।
इश्क़ की इन शोखियों से अब मुकरना है नहीं।।
सुनीता सिंह सरोवर
©Sunita Singh
#love_shayari