"हम सुरक्षित रहे इसलिए वह खड़ा है सीमा पर, |
तैयार है वह देश के लिए कटाने के लिए सर. ||
आती तो है उसे भी घर की याद, |
शायद कोई सुन ले उसकी फरियाद.||
दुश्मनों का करता है नाश, |
तभी तो देश को है उससे आश. ||
यवाओं के मन में देश के लिए प्रेम जगाता है, |
देश के लिए मर मिट जाता है तभी तो शहीद कहलाता हैं.||
✍शिवानी"