जिसके साए में सुकून मिलता है,जिसकी छांव महफूज़ लगत | हिंदी Poetry

"जिसके साए में सुकून मिलता है,जिसकी छांव महफूज़ लगता है ताउम्र जिनकी जड़ों से हम फले हैं, सब कुछ देखा जिनकी आँखों से .... वो साए ,वो सुकून ,वो अपनापन , फिर कहीं नहीं मिलता है।। ~~~~~~~~~ {माँ – पापा} ~~~~~~~~~ ©manju Ahirwar"

 जिसके साए में सुकून मिलता है,जिसकी छांव महफूज़ लगता है 
ताउम्र जिनकी  जड़ों से हम फले हैं,
 सब कुछ देखा जिनकी आँखों से ....
वो साए ,वो सुकून ,वो अपनापन , फिर कहीं नहीं मिलता है।।
~~~~~~~~~
{माँ – पापा}
~~~~~~~~~

©manju Ahirwar

जिसके साए में सुकून मिलता है,जिसकी छांव महफूज़ लगता है ताउम्र जिनकी जड़ों से हम फले हैं, सब कुछ देखा जिनकी आँखों से .... वो साए ,वो सुकून ,वो अपनापन , फिर कहीं नहीं मिलता है।। ~~~~~~~~~ {माँ – पापा} ~~~~~~~~~ ©manju Ahirwar

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#मां – पिता
#साए
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