हिज्र हमें ये मंज़ूर नहीं, आगोश में भरले ए जान। मो

"हिज्र हमें ये मंज़ूर नहीं, आगोश में भरले ए जान। मोहब्बत - ए - तौफा है तेरी ख़िदमत में, ना माने तो लेले मेरी जान।"

 हिज्र हमें ये मंज़ूर नहीं,
आगोश में भरले ए जान।
मोहब्बत - ए - तौफा है तेरी ख़िदमत में,
ना माने तो लेले मेरी जान।

हिज्र हमें ये मंज़ूर नहीं, आगोश में भरले ए जान। मोहब्बत - ए - तौफा है तेरी ख़िदमत में, ना माने तो लेले मेरी जान।

मोहब्बत - ए - तौफा
हिज्र :- जुदाई, दूरी, दूर करना।
खिदमत :- पेश करना, सामने लाना।
आगोश :- बाहों में लेना, गले लगाना।

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