मेरे सपनो में आके इतना जो सताते हो, आखिर क्या रजा | हिंदी Poetry

"मेरे सपनो में आके इतना जो सताते हो, आखिर क्या रजा है मेरी जो इतना मेरा दिल दुखाते हो, कभी चुप रहूं तो कहते हो तुम बोलती ही नहीं, और कभी बोलूं तो चुप करा देते हो, कभी समझा ही नही न तुमने मुझे,, तो कैसे कहती, तभी तो बार बार पास होकर भी दूर होने का दिखावा कर जाते हो। सोनाक्षी गुप्ता ©writer_munmunGupta"

 मेरे सपनो में आके इतना जो सताते हो,
आखिर क्या रजा है मेरी जो इतना मेरा दिल दुखाते हो,

कभी चुप रहूं तो कहते हो तुम बोलती ही नहीं, 
और कभी बोलूं तो चुप करा देते हो,

कभी समझा ही नही न  तुमने मुझे,, तो कैसे कहती,
तभी तो बार बार पास होकर भी दूर होने का दिखावा कर जाते हो।
सोनाक्षी गुप्ता

©writer_munmunGupta

मेरे सपनो में आके इतना जो सताते हो, आखिर क्या रजा है मेरी जो इतना मेरा दिल दुखाते हो, कभी चुप रहूं तो कहते हो तुम बोलती ही नहीं, और कभी बोलूं तो चुप करा देते हो, कभी समझा ही नही न तुमने मुझे,, तो कैसे कहती, तभी तो बार बार पास होकर भी दूर होने का दिखावा कर जाते हो। सोनाक्षी गुप्ता ©writer_munmunGupta

#Pattiyan

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