ए रात जितना सुकून देती हैं उतना ही दर्द संग छोड़ | हिंदी कविता

"ए रात जितना सुकून देती हैं उतना ही दर्द संग छोड़ जाती हैं... मैं फिर भी रात का इंतजार करती हुं अब आदत हो गई है दर्द मैं रहने कि ©SUREKHA THORAT"

 ए रात जितना सुकून देती हैं  
उतना ही दर्द संग छोड़ जाती हैं...
मैं फिर भी रात का इंतजार करती हुं
अब आदत हो गई है दर्द मैं रहने कि

©SUREKHA THORAT

ए रात जितना सुकून देती हैं उतना ही दर्द संग छोड़ जाती हैं... मैं फिर भी रात का इंतजार करती हुं अब आदत हो गई है दर्द मैं रहने कि ©SUREKHA THORAT

#Rishta

People who shared love close

More like this

Trending Topic