White कि...
बात कुछ तो हो गया है
रंग बेरंग से क्यों हुएं
ख्वाहिशें सिमटने से क्यों लगीं
ख्वाब अधूरे से क्यों हुएं
उजाला आंखों को खो गया है
बात कुछ तो हो गया है...
रौशनी में भी अंधकार ढुंढता
वो खुद को खो गया है
आशा में निराशा खोजता
वो खुद को भूल गया है
तवज्जो, तहजीब,तमीज में
खुद का अस्तित्व धुमिल कर गया है
बात कुछ तो हो गया है...
©कलम की दुनिया
#love_shayari