#OpenPoetry आजादी किसे कहते हैं, 15 अगस्त 1947 को देश के बटवारे के नाम पर जो हमें मिली क्या वो आजादी थी।
हिन्दू मुस्लिम दो कोम मे हो देश का बटवारा
क्या ये था हमारी आजादी का नारा।
ये तो थी देश की आजादी । हमारी आजादी कहा हैं। हमें कैसे कपडे पहनने है, कैसे बोलना है, कैसे रहना है ये तो हमारा समाज तय करता हैं तो फिर कहाँ हैं हमारी आजादी।
पांच साल की बच्ची हवस का शिकार हो जाती हैं
और जिम्मेदार पश्चिमी सभ्यता कहलाती हैं।
NCRB के तहत, Rape is the fourth most common crime against woman in india. कैसी आजादी हैं जहाँ घर की बेटी घर मे ही सुरक्षित नहीं।
Candle march होते हैं, news मे इस पर चर्चा होती , कई अफसोस के ट्वीट किए जाते हैं, सलोगन बनते हैं ...जस्टिस फोर --------। कई दिन तक जहन मे सबके गुस्सा रहता हैं, लेकिन फिर एक नई मूवी आती हैं लोग उसकी बातो मे लग जाते हैं...News वाले भी सब भूल जाते हैं क्योंकि जो बिकता हैं वो दिखता हैं।
कुछ दिन बाद फिर एक बडी घटना घटती हैं, फिर सलोगन बनते हैं जस्टिस के, एक बार फिर news मे इस पर चर्चा होती हैं, candle march होती हैं।
क्यूँ इस जुर्म पर कोई सख्त कानून नहीं बनता,
क्यूँ एक भेडिया खुलेआम हैं घुमता,
क्यूँ एक मासूम का सर हैं खुचलता ।
#azaadi #SelfWritten