आंखें तालाब नहीं फिर भी भर जाती है दिल कांच का टु | हिंदी विचार Video

"आंखें तालाब नहीं फिर भी भर जाती है दिल कांच का टुकड़ा नहीं फिर भी टूट जाता है इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है,,,, ©Dev Malviya "

आंखें तालाब नहीं फिर भी भर जाती है दिल कांच का टुकड़ा नहीं फिर भी टूट जाता है इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है,,,, ©Dev Malviya

दर्द ए जिंदगी

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